अधीर रंजन बोले- चुनाव में ‘दैत्य और बौने’ की लड़ाई थी, जिसमें ‘बौना’ जीता

अधीर रंजन बोले- चुनाव में ‘दैत्य और बौने’ की लड़ाई थी, जिसमें ‘बौना’ जीता






नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित हो जाएंगे। रुझानों में कांग्रेस को 2015 की तरह इस बार भी एक भी सीट नहीं मिल पाई है। इस पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि लोगों ने मन बना लिया था कि वे आप या भाजपा को वोट देंगे। यह चुनाव विकास के मुद्दे पर हुआ। यह ‘दैत्य और बौने’ के बीच की लड़ाई रही, जिसमें ‘बौने’ की जीत हुई है। प्रधानमंत्री से लेकर कार्यकर्ताओं तक पूरी सरकार चुनाव में झोंक दी गई।


उधर, दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले सोमवार रात ही भाजपा मुख्यालय में अमित शाह के पोस्टर लगाए गए। इनमें लिखा- ‘विजय से हम अहंकारी नहीं होते और पराजय से हम निराश नहीं होते।’ दिल्ली में 22 साल से सत्ता से दूर भाजपा इस बार भी पिछड़ती हुई दिख रही है। हालांकि, 2015 के मुकाबले उसे फायदा मिला है।

मनोज तिवारी ने कहा- हार की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार


भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि रुझानों से संकेत मिलता है कि आप-भाजपा के बीच अंतर है, लेकिन अभी भी समय है। हम आशान्वित हैं। परिणाम कुछ भी हो, राज्य प्रमुख होने के नाते मैं जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हूं। इससे पहले तिवारी ने कहा था- ‘‘मैं बिल्कुल नर्वस नहीं हूं। मुझे विश्वास है कि आज का दिन भाजपा के लिए अच्छा होगा। अगर हम 55 सीटें जीतते हैं तो किसी को इस पर हैरानी नहीं होनी चाहिए। अपने-अपने परिश्रम से सब लोगों ने परीक्षा दी है। आज पंडित दील दयाल उपाध्याय जी का बलिदान दिवस है। संयोग से आज 11 फरवरी को चुनाव के नतीजे आ रहे हैं। मुझे अच्छा लग रहा है कि रिजल्ट भाजपा के पक्ष में अच्छा आने वाला है।’’


ममता बनर्जी ने केजरीवाल को बधाई दी 



  • तृणमूल सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा- जीत के लिए अरविंद केजरीवाल को बधाई। जनता ने भाजपा को नकार दिया, वह सिर्फ विकास ही चाहती है। सीएए, एनआरसी और एनपीआर का बहिष्कार होगा।

  • डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने कहा- हम अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं, क्योंकि हमने पांच साल तक लोगों के लिए काम किया है।

  • दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा- मैं पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेता हूं। हम इसके पीछे के कारणों का विश्लेषण करेंगे। हमारे वोट प्रतिशत में गिरावट का कारण भाजपा और आप दोनों द्वारा ध्रुवीकरण की राजनीति है।